आखिर कब तक ..?
कोई कहता है यहां के यादव वहां के यादव, तेरे यादव मेरे यादव ।अरे मेरे भाई यादव अलग है क्या ? रेजांगला अहीर धाम पर बनी तथाकथित फिल्म पर सब अलग अलग , आंखों क्यों? कोई सुप्रीम कोर्ट जाने की बात करता है पर समय निकाल जाता है,कोई लगातार कह रहा है कि हम फिल्म रिलीज़ नहीं होने देंगे,फिर रिलीज के बाद कहता है फिल्म चलने नहीं देंगे।फिर कोई फिल्म निर्माता के साथ पूरे लाभ लश्कर को लेकर फिल्म देखने जाता है। गौर करें ये सब अपने समाज से है। हमारे पुरखे ये लड़ाई चीन से लड़ गए ,आज लड़े हम भी है पर एक दूसरे से लड़े है। केवल निजी स्वार्थ के लिए ? क्या अपना हित इतना बड़ा हो गया ? क्या हम सब एक बनकर समाज के लिए अपने पुरखों के लिए नहीं लड़ सकते थे?
बहुत हुआ अब जागना होगा,
निजी स्वार्थ को त्यागना होगा।
उठो अहीरों जाग ... View More
यादव आधुनिक क्षत्रिय नहीं पौराणिक और वैदिक क्षत्रिय है । - जय श्री कृष्णा
यदुकुल जो न केवल भारतवर्ष का मूल है अपितु दुनिया के अस्तित्व का एक बड़ा भाग है वो लगातार अपनी पहचान खोता जा रहा है। कारण हमारे समाज को अपने इतिहास का ,अपने अस्तित्व का ज्ञान नहीं ,पहचान नहीं और विडम्बना ये की जानने की इच्छा भी नहीं ।
संगठन सभी जाति ,धर्म और संप्रदाय का पूरा सम्मान करता है । संगठन कभी भी किसी जाति ,धर्म या संप्रदाय विशेष के खिलाफ काम नहीं करेगा पर हाँ यदुकुल की आन , बान , शान और स्वाभिमान के लिए किसी भी हद तक जाने से गुरेज भी नहीं करेगा ।
यदुकुल वंशियों इतिहास गवाह है अपने अस्तित्व और संस्कृति को जाने बगैर कोई समाज आगे नहीं बढ़ा है। देश ही नहीं दुनिया की आबादी का एक बड़ा हिस्सा यदुकुल से आता है ,वो यदुकुल जिसने समय समय पर दुनिया को स ... View More